Natasha

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लेखनी कहानी -27-Jan-2023

परिस्थिति कैसी भी हो हिम्म्त नहीं हारना चाहिए


एक समय की बात है। एक कुम्हार का गधा कुएं में गिर गया। वह गधा घंटों ज़ोर -ज़ोर से रोता रहा। कुम्हार सुनता रहा और विचार करता रहा कि उसे क्या करना चाहिए, क्या नहीं। इसलिए आखिर में उसने निर्णय लिया कि क्योंकि, गधा काफी बूढा हो चूका है, इसे बचाने से कोई लाभ नहीं है;इसलिए इसे कुएं में ही दफना देना चाहिए।कुम्हार ने अपने सभी पड़ोसियों को मदद के लिए बुलाया। सभी ने एक-एक फावड़ा पकड़ा और कुएं में मिट्टी डालनी शुरू कर दी। जैसे ही गधे कि समझ में आया कि यह क्या हो रहा है ,वह और ज़ोर-ज़ोर से चीख़ चीख़ कर रोने लगा। फिर, अचानक वह आश्चर्यजनक रुप से शांत हो गया।

सब लोग चुपचाप कुएं में मिट्टी डालते रहे। तभी कुम्हार ने कुएं में झांका तो वह आश्चर्य से सन्न रह गया। अपनी पीठ पर पड़ने वाले हर फावड़े की मिट्टी के साथ वह गधा एक आश्चर्यजनक हरकत कर रहा था। वह हिल-हिल कर उस मिट्टी को नीचे गिरा देता था और फिर एक कदम बढ़ाकर उस पर चढ़ जाता था। जैसे-जैसे कुम्हार और उसके पड़ोसी उस पर फावड़ों से मिट्टी गिराते वैसे -वैसे वह हिल-हिल कर उस मिट्टी को गिरा देता और एक सीढी ऊपर चढ़ आता । जल्दी ही सबको आश्चर्यचकित करते हुए वह गधा कुएं के किनारे पर पहुंच गया और फिर कूदकर बाहर भाग गया।

सीख - परिस्थिति कैसी भी हो इंसान को हतोत्साहित होकर हार नहीं मानना चाहिए। हमेशा हौंसला रखकर आगे बढ़ना चाहिए।

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